समुन्दर का शिकारी : सम्राट मार्टिन की सल्तनत(भाग - 8)
रॉन का इतना कहना ही था कि जहाज में काम करने वाला एक आदमी भागते हुए रॉन के पास आया और एक भारी भरकम, 7 ft. लंबी बंदूक जिसे वह अपने दोनों हाथों से बड़ी मुश्किल से उठा पा रहा था, उसने वह बंदूक रॉन को को दे दी... रॉन ने उस भारी बंदूक को तुरंत अपने एक हाथ से आसानी से उठा लिया, जिसके बाद वहां मौजूद सभी लोग रॉन के उस बंदूक को देखने लगे...
" नजर लगाओगे क्या, मेरी बंदूक पर.. सभी अंदर जाओ या फिर यहां रुक कर मरने का इंतजार करो... कप्तान सेठ, अपनी कप्तानी दिखाओ और सब को अंदर करो.. बाद मे जब जरूरत होगी तो मै खुद बुलाऊंगा... जहाज पर भीड़ देख कर ड्रैगन्स पागल हो जाते है "
सेठ, सभी को अंदर भेजने लगा और जब सब अंदर चले गए तो उसने रॉन से पूछा
"तुम अकेले से निपट लोगे या मैं कुछ मदद करूं..."
" फिलहाल तो तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम भी इन्ही के साथ अंदर जाकर किसी कोने में अपना मुंह छुपा लो.. दी रॉन को किसी की जरूरत नहीं..."
" तुझे पता नहीं होगा पर तेरी जानकारी के लिए बता दूं, मैं नेवी से हूं.. अब देख मै इनका क्या हाल करता हूं.. सामने कोई भी हो."
" जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की तरफ भागता है और जब एक नेवी वाले की मौत आती है तो वह समुंदर की तरफ... खैर, जैसी तेरी मर्जी... " अपने अजीबोगरीब बंदूक के नीचे अलग से बने बॉक्स में गहरे नीले रंग का बारूद अपने भरते हुए रॉन बोला
" यह कैसा अजीब बंदूक है...? और ये बॉक्स...?? ये नीले रंग का बारूद...??? इस तरह का तो मैंने कभी कुछ देखा ही नहीं..."
"सामने देख.. सामने जो है उस तरह का भी तूने कभी नहीं देखा होगा... और जहाज की गति कम नहीं होनी चाहिए, किसी भी सूरत में.."
रॉन के कहने पर सेठ ने सामने छाते हुए घने कोहरे की तरफ नजर घुमाई.. जहां उसे उस घने कोहरे के बीचे ऊपर कुछ उड़ता हुआ, दिखाई दिया. सेठ कि नजरें उस उड़ती हुई चीज पर जम गई, पहले तो उसे लगा कि कोई हेलीकाप्टर होगा.. लेकिन यदि कोई हेलीकाप्टर होता तो उसकी आवाज़ भी आणि चाहिए थे.. इसलिए सेठ ने उसे पंछी माना और जब थोड़ी देर बाद वो पंछी घने कोहरे से बाहर निकल कर जहाज की तरफ तेजी से आने लगा तो.. सेठ की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई...
" हे भगवान, यह कौन सा प्राणी है.. "
" कुछ देर और रुक.. फिर सीधे भगवान से ही जाकर पूछ लेना कि ये कौन से प्राणी है... "अपने बंदूक की नली साफ करते हुए रॉन ने कहा और जल्दी -जल्दी बंदूक में छर्रे डालने लगा
" रॉन मैंने पूछा.... ये विशाल जीव है क्या...."
"अबे... कान से अंधा है क्या.. सुनाई नहीं दिया था तुझे जब मै सबको बता रहा था कि ड्रैगन्स का हमला होने वाला है...??"
"पर ये तो...ये तो... किस्से कहानियों में होते हैं... ऐसे आग फेकने वाले खूंखार समुद्री दानव.."
" ये उससे भी खतरनाक है.. क्यूंकि यदि इन्हे भूख लगी होगी तो ये तुम्हे सेक कर सीक कबाब कि तरह समुन्दर मे डुबो डुबो कर खारा करके खा भी जायेंगे... अपने आदमियों को इशारा कर दो कि मैं जिस तरफ कहूंगा उसी तरफ जहाज को मोड़े, यदि जिंदा रहना है तो... और तुम मेरे साथ आओ और जिनके जिनके पास बंदूकें हैं उनको भी ऊपर बुला लो अब.... जब ड्रैगन्स ने हमला करने का सोच ही लिया है तो जहाज के अंदर छिपने का कोई फायदा नहीं... "
सेठ और रॉन जिस तरफ से एक विशाल ड्रैगन उड़ता आ रहा था, उस तरफ जहाज के बिल्कुल छोर मे खड़े थे...
" यह तुम्हारी बाबा आदम के जमाने की बंदूक चलती भी है..."
" यह चलती नहीं... जलती है.. ये ड्रैगन अपना रास्ता क्यों नहीं बदल रहा. सामान्य तौर पर ये एक सीध मे कभी नहीं उड़ते... "
जब ड्रैगन ने अपना रास्ता नहीं बदला और जहाज के करीब आता गया तब सेठ ने, बंदूक लेकर अपने आदमियों को ऊपर आने का आवाहान दिया . सभी जहाजी कांपते हुए बंदूक हाथ में लेकर जहाज से बाहर आए. सेठ ने एक बार फिर से सामने की तरफ देखा... शुरू में उसे लगा था कि सिर्फ एक ड्रैगन है, पर सबसे सामने वाले ड्रैगन के पीछे और भी ड्रैगन थे. जो अब धीरे -धीरे घने कोहरे से निकलकर बेलाडोना कि तरफ तेजी से हुंकार भरते हुए बढ़ रहे थे.जिन्हें देखकर सेठ ने अपने आदमियों को जहाज में चारों तरफ फैल कर आते हुए ड्रैगन्स पर बन्दूक तानने के लिए कहा...
" अंदर से और आदमियों को बुलाओ... एक भी बन्दूक खाली नहीं रहनी चाहिए कम्बखतो.. जिनके पास बन्दूक नहीं है.. वो अग्निशामक यन्त्र लेकर आग बुझाने का काम करेंगे... हमारी पहली कोशिश यही रहेगी कि, इन समुद्री दानवो को जहाज से जितना हो सके उतना दूर रखना है . जब तुम्हे लगे की तुम्हारे बन्दूक की गोलिया उन समुद्री दानवो तक पहुंच सकती है तो फायरिंग शुरू कर देना... तैयार...."सेठ चिल्लाया...
जिसके बाद कोई कुछ नही बोला... मजबूरन वो जहाज मे ऊपर तो आ गए थे, पर उन सबकी फटी पड़ी थी...
"अबे, मैने पूछा... तैयार...."
"Yes Captain ....."सब डरते हुई चिल्लाये
"बहुत अच्छे... और इंजन चैम्बर से कोई जाकर कोई मेरा ग्रेनेड लॉन्चर (RPG) ले आओ... मरेंगे तो मरेंगे.. पर इन साले समुद्री दरिंदो को मार कर मरेंगे..."
वहा बन्दूक लेकर जहाज के हर कोने मे खड़े लोग इतने डरे हुए थे के, उन्होंने डर के कारण बहुत पहले ही फायरिंग शुरु कर दी... कुछ की गोलिया, ड्रैगन्स पर लगती... तो कुछ की गोलिया किस दिशा मे जा रही थी कुछ पता ही नही चल रहा था... थोड़ी देर बाद सेठ ने अपने कंधे मे रखे राकेट लॉन्चर से सबसे सामने वाले ड्रैगन को निशाना लगाकर पहला गोला दागा.. जो ड्रैगन को तो नहीं लगा क्यूंकि ड्रैगन उसे भाँप गया था.. पर सेठ के उस गोले से बचने के चक्कर मे वो अपनी दिशा से भटक जरूर गया था. रॉन उन सबको ऐसा करते कुछ देर तक देखता रहा और फिर एकाएक जहाज के अंदर भाग गया...
"अबे.. ये तो भाग गया...? डरपोक साला... अभी तो बड़ी-बड़ी बाते कर रहा था.... "रॉन को जहाज के अंदर भागते देख सेठ कुछ देर के लिए रुका और फिर से राकेट लॉन्चर अपने कंधे पर रखा.....
चारो तरफ से ड्रैगन्स पर फायरिंग शुरू हो गई थी.. लेकिन बन्दूक कि गोलियों का कुछ खास ड्रैगन पर असर नहीं हो रहा था... एक तो वो इधर उधर.. ऊपर नीचे होकर पहले ही गोलियों से बाच जाते और जो गोलिया उन्हें लगती भी... उसका ड्रैगन्स पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ रहा था... वो बस थोड़ा सा स्लो हो जाते... जिस ड्रैगन पर अकेले 4-5 लोग मिलकर फायरिंग कर रहे थे.. बस उसी पर गोलियों का ज्यादा प्रभाव पड़ रहा था... इस दौरान सेठ ने ग्रेनेड लॉन्चर से एक और गोला दागा.. जो अबकी बार जाकर सीधे एक ड्रैगन के सर पर विस्फोट हुआ और वो ड्रैगन बिना सर के सीधे समुन्दर मे जा गिरा...
"शाबाश मेरे साथियो .. ऐसे ही लगे रहो, उन समुद्री कीड़ो को गुस्सा दिलाने मे कोई कसर मत छोड़ना... "अंदर से हाथ मे शराब की बोतल लिए रॉन बाहर आया....
"तुम्हे नही लगता... ये वक़्त शराब पीने का बिलकुल भी नही है..."रॉन को बोतल के साथ देख, सेठ उसपर चिल्लाया...
"जब ड्रैगन्स हमला करने लगेंगे तो जहाज को फुल स्पीड मे आगे बढ़ाते हुई, बाई तरफ घूमने का आदेश दे दो... वो दाहिने जल्दी से नही मुड़ पाते..."
"तो फिर हमें दाहिने मोड़ना चाहिए जहाज..."
"अबे, दिमाग़ के अंधे... उनका दाहिना, हमारा बाया हुआ ना... अनपढ़ है क्या..."कहते हुई रॉन ने बोतल को मुँह से लगाया
और अभी एक घूट शराब उसके गले से नीचे उतरा था की... ड्रैगन्स ने जहाज पर धावा बोल दिया...
कुछ ड्रैगन्स जहा आसमान मे विचरित करने वाले पंछियो कि तरह छोटे थे तो वही कुछ हेलीकाप्टर के बराबर के भी ड्रैगन उनमे थे और उन सभी के बीच कुछ ड्रैगन्स इतने विशाल थे कि आकार मे बेलाडोना जहाज तक को चुनौती दे रहे थे. उनके नुकीले लम्बे खूंखार दांतो के बीच से अपना विशालकाय जबड़ा फाड़कर वो बेलाडोना पर चारो तरफ से आग उगलने लगे .. सेठ, की आग बुझाने के लिए कुछ आदमियों को तैनात करने की तरक़ीब कारगर साबित हुई और उसने चिल्लाकर जहाज के अंदर से और भी आदमियों को आग बुझाने के लिए बुलाया.
कुछ ड्रैगन्स जहाज से सीधे टकरा कर जहाज का संतुलन बिगड़ रहे थे, जिसके कारन जहाज की डेक मे मौज़ूद लोगो को अपना संतुलन बनाये रखने मे कठिनाई हो रही थी... कुछ जहाजी , जो किनारे पर खड़े फायरिंग कर रहे थे, वो जहाज का संतुलन बिगड़ने पर जहाज से सीधे समुन्दर मे गिर गए... छोटे ड्रैगन्स सीधे बेलाडोना पर उतर जाते और बन्दूक लेकर उनपर फायरिंग कर रहे लोगो को जिन्दा आग से भूनने कि कोशिश करते, छोटे ड्रैगन्स फुर्तीले थे.. वो आग बरसाते हुए इस पार से उस पार निकाल तुरंत निकल जाते... सेठ ने अपने ग्रेनेड लॉन्चर से कुछ ड्रैगन्स को तो मार गिराया था.. जिसने उत्साहवर्धक का कार्य किया और बेलाडोना के जहाजी पुरे जी जान से लड़ने लगे...
रॉन, इस समय जहाज जिस दिशा मे आगे बढ़ रहा था.. उसके सबसे अंतिम छोर पर चुप चाप खड़ा ड्रैगन्स को घूरते हुए कुछ सोच रहा था... जहा कैप्टन सेठ कंधे पर राकेट लॉन्चर लिए और जहाज के बाकी लोग बन्दूक एवं अग्निशामक यत्रो से ड्रैगन्स के हमले से लद रहे थे.. वहा रॉन का ऐसा शांत खड़ा रहना सबकी समझ के परे थे...
"खा पीकर नही आए हो क्या... और गोलिया बरसाओ... वरना आज गए काम से..." RPG से एक और गोला दागते हुए सेठ चिल्लाया
ड्रैगन्स शिप से टकराने लगे, उनके मुँह से दहक रही अग्नि से शिप को अभी तक भले ही कोई बड़ा नुक्सान ना हुआ हो, पर उसने कुछ लोगो को ज़िंदा जरूर जला दिया था... आग उगलने के पहले ड्रैगन्स, एक कान फाड़ने वाली भयंकर आवाज़ निकालते थे.. जिससे जहाज पर मौज़ूद लोगो को आभास हो जाता की.. ये अब आग उगलने वाला है और वो तुरंत उस ड्रैगन्स से जितना हो सके बच कर आग बुझाने की तैयारी मे जुट जाते थे और सभी उसी ड्रैगन पर गोलिया बरसाना शुरू कर देते... ये एक तरह से बेलाडोना के जहाजियो के लिए वरदान बन कर उभर रही थी...
कैप्टन सेठ, रॉन को शांत खड़ा देख अंदर ही अंदर उसे गालिया दी और फिर से RPG लोड करने लगा
"आओ सालो... जला कर राख़ कर दूंगा... तुम्हे पता नही, तुम्हारा पाला किस्से पड़ा है..."जब कैप्टन सेठ द्वारा छोड़ा गया गोला सीधे जाकर एक ड्रैगन पर विस्फोट हुआ तो सेठ चिल्लाया
उसी समय एक ड्रैगन ने मानो सेठ की ये पुकार सुन ली और वो उड़ते हुई तेजी से जहाज मे कूद गया. उसने बेलाडोना मे अपने आस पास मौजूद उस पर फायरिंग कर रहे लोगो मे से कुछ को ज़िंदा निगल गया, तो कुछ को आग से भस्म कर दिया.. तो कुछ, उसे वहा देख.. डर के मारे खुद ब खुद जहाज से नीचे कूद गए...
जहाज मे जो ड्रैगन कूदा था, वो अपने विशाल जबडे से जहाज को तहस नहस करने लगा... उसे ऐसा करता देख.. सेठ ने अपने ग्रेनेड का रुख उसी तरफ किया और जहाजियो को वहा से हटने के लिए चिल्लाया....
"सामने से हटो.. कम्बखतो और जैसे ही मै इसपर ग्रेनेड दागूंगा.. सभी इसे निचे समुन्दर मे फेकने मे जुट जाना..."
पर ऐसा करके, सेठ ने उस ड्रैगन का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया... वो ड्रैगन शिप को तोडना छोड़ एक पल के लिए सेठ की तरफ और उसके कंधे मे रखे ग्रेनेड लॉन्चर कि तरफ लम्बी -लम्बी गरम साँसे लेते हुए किसी साँप कि तरफ फुफकारा और फिर सेठ को भस्म करने के लिया, तेज हुंकार भरी... उसके मुँह के अंदर से आग की चमक ने ही सेठ को उसके मृत्यु से साक्षात दर्शन करवा दिए थे. क्यूंकि सेठ अभी तक ग्रेनेड लॉन्चर लोड नहीं करंपाया था.. फिर निशाना लगाकर चलाना तो दूर कि बात थी...
"रॉन... "सेठ सिर्फ इतना बोला
रॉन ने अपनी बोतल एक तरफ फेकि और दौड़कर अपने हाथ मे पकडे 7 फुट लम्बी बन्दूक को उस ड्रैगन पर तानकर मुस्कुराया...
"तु.. तु.. हस क्यु रहा है..."
"वो इसलिए...चल थोड़ा साइड हो.. फिर बताता हूँ.. मेरा मतलब दिखाता हूँ " मुस्कुराते हुई रॉन ने अपने बन्दूक का ट्रिगर दबा दिया.
रॉन के ट्रिगर दबाते ही, बन्दूक से गोलियों की जगह एक विशाल अग्नि की ज्वाला निकली... वो अग्नि इतनी भयंकर थी कि मानो दो -तीन ड्रैगन्स एक साथ किसी पर आग कि वर्षा कर रहे हो... रॉन के बन्दूक से निकली उस विशाल अग्नि कि ज्वाला ने बेलाडोना मे मौजूद ड्रैगन की मोटी चमड़ी को एक पाप मे भेदकर उसे जलाने लगा और जब ड्रैगन तड़पते हुई धू -धू कर जलने लगा तो रॉन ने, उस ड्रैगन के द्वारा तोड़े गए जहाज के भाग मे से एक बड़ा सा पोल उठाया और उस पोल को ड्रैगन के मध्य भाग से सटाकर.. अकेले ही ड्रैगन को जहाज से नीचे गिराने लगा..... सब अचंभित रह गये ये दृश्य देख कर.. एक तो पहले ही रॉन कि उस रहस्यमयी बन्दूक ने सबकी आँखे फाड़ कर रख दी थी और अब रॉन कि शारीरिक ताकत ने... उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि एक इंसान भला इतना शक्तिशाली कैसे हो सकता है कि.. एक विशाल ड्रैगन को हिला भी सके ..
लेकिन रॉन पूरी तरह से कामयाब नहीं हुआ और ड्रैगन एक तरफ खिसकते हुए किनारे रेलिंग मे फंस गया. अब हमला करने कि बारी उस ड्रैगन कि थी.. वो भले ही विशाल अग्नि कि लपटो मे समाया हुआ मर रहा था.. लेकिन जान उसमे अब भी बाकी थी... वो ड्रैगन जलते हुए ही रेलिंग कि तरफ से रॉन कि तरफ झपट्टा मारा...
"जहाज को एक तरफ से उठाओ रे और किनारो पर लगे सबे पोल खोल दो..."
"रॉन, ये क्या कर रहे हो..."
"मुझे जलते हुई ड्रैगन्स को समुन्दर मे डुबोना बहुत अच्छा लगता है.. ऐसा देख मेरी आत्मा तृप्त हो जाती है "
बेलाडोना मे मौजूद जहाजी अपने कैप्टन सेठ की आज्ञा का इंतज़ार किये बिना, सिर्फ रॉन के कहने पर जहाज के किनारे पर लगे पिलर निकालने लगे... तभी एक और ड्रैगन जहाज की तरफ बढ़ा, जिसे देख रॉन ने उन लम्बे, नीचे से नुकीले पिलर्स मे से एक पिलर को उठाया और अपना हाथ घुमाकर उस आते हुई ड्रैगन की ओर फेका... रॉन का निशाना अचूक था.. वो पोल, सीधे जाकर जहाज की तरफ बढ़ते हुई ड्रैगन की बाई आँख मे घुसा और वो ड्रैगन जहाज तक आने से पहले ही समुन्दर मे दर्द से चिल्लाते हुए गिरने लगा...
"शराब पीने का यही फायदा है, निशाना कभी नही चुकता... वैसे, मैने निशाना दायी आँख पर लगाया था..."
Hayati ansari
29-Nov-2021 08:19 AM
Good
Reply
Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
01-Oct-2021 08:52 PM
Nice
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Swati chourasia
03-Sep-2021 06:11 PM
Very beautiful
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